Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 516
________________ अध्याय-11 उपसंहार भौतिक एवं आध्यात्मिक चिकित्सा में उपयोगी मुद्राएँ प्राणिक हीलिंग विशेषज्ञ के. के. जायसवाल एवं एक्युप्रेशर चिकित्सज्ञ शरद कुमार जायसवाल, वाराणसी के अनुसार कौन सा रोग किस मुद्रा से ठीक हो सकता है? उससे सम्बन्धित बौद्ध मुद्राओं का एक चार्ट प्रस्तुत किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में यह ध्यान देना जरूरी है कि रोगों से छुटकारा पाने हेतु जिन मुद्राओं का सूचन कर रहे हैं, वे मुद्राएँ उन रोगों की चिकित्सा में मुख्य रूप से सहयोगी हैं, किन्तु सभी मनुष्यों की शारीरिक एवं मानसिक प्रकृति भिन्न-भिन्न होने से कई बार अन्य मुद्राओं का प्रयोग करना भी आवश्यक हो जाता है एतदर्थ मुद्रा विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त करने के बाद ही निर्धारित मुद्राओं से उपचार करना चाहिए। • किसी भी मुद्रा को निरन्तर कुछ दिनों तक करने पर उसका प्रभाव पड़ता है। • मुद्रा का प्रयोग सही विधि से एवं उसके प्रति श्रद्धा रखते हुए करना अनिवार्य है। • पूजा उपासना या विशिष्ट साधना के दौरान यदि सम्यक ज्ञान पूर्वक मुद्रा का प्रयोग किया जाए तो भावधारा निर्मल होने से वे श्रेष्ठ फलदायी होती हैं। शारीरिक उपचार में प्रभावी मुद्राएँ अनिद्रा- वज्र रास्ये मुद्रा, मिहरित-गस्सही मुद्रा, त्रिशरणा मुद्रा, अधिष्ठान मुद्रा, न्यारै केन् इन् मुद्रा, रागराज मुद्रा, हकु शौ इन् मुद्रा, तेजस्

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