Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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284... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन को स्पर्श करती हुई रहें। इस तरह जह् मुद्रा निष्पन्न होती है।10
जद मुद्रा सुपरिणाम
• जह् मुद्रा को धारण कर साधक आकाश एवं चेतन तत्त्व में संतुलन स्थापित कर सकता है। इससे विचारधारा निर्मल एवं शांत होकर आत्म स्वरूप की प्राप्ति तथा सत्य के साक्षात्कार में सहायक बनती है।
. इस मुद्रा के प्रयोग से सहस्रार एवं विशुद्धि चक्र प्रभावित होते हैं। इसके द्वारा ऐन्द्रिक वृत्तियों का निरोध होता है। संकल्प-विकल्प आदि शान्त होकर परमज्ञान की उपलब्धि एवं आरोग्ययुक्त दीर्घ जीवन की प्राप्ति हो सकती है।
• इसके द्वारा विशुद्धि एवं ज्ञान केन्द्र सक्रिय होते हैं जिससे आन्तरिक क्षमताओं का विकास होता है। 10. करन् मुद्रा ____ मुद्राशास्त्र में दो प्रकार की करन् मुद्रा प्राप्त होती है उनमें से एक प्रकार हिन्दू और बौद्ध दोनों परम्पराओं में मान्य हैं दूसरा भारत की बौद्ध परम्परा में