Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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360... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
हस्साइ-सी-ब्यो-दी-के-गो मुद्रा • मणिपुर एवं आज्ञा चक्र को प्रभावित कर यह मुद्रा मधुमेह, कब्ज, अपच, गैस एवं पाचन विकृतियों को दूर करती है। शक्ति का वर्धन करती है। बुद्धि को एकाग्र एवं कुशाग्र बनाती है।
• तैजस एवं दर्शन केन्द्र को सक्रिय कर यह मुद्रा नौ कषाय, कामवासना, उत्तेजना आदि का उपशमन कर सर्वज्ञता को प्राप्त करवाती है। 48. जौ-रेंजे-इन् मुद्रा . गर्भधातु मण्डल-वज्रधातु मण्डल आदि धार्मिक क्रियाओं के प्रसंग पर प्रयुक्त यह मुद्रा युगल हाथों से की जाती है। इसकी विधि इस प्रकार हैविधि
इस मुद्रा में कनिष्ठिका और अंगूठों को हथेली के भीतर मोड़कर आपस में संयुक्त करें। मध्यमा, तर्जनी और अनामिका को सीधा रखें, फिर बायीं हथेली को ऊपर की ओर करते हुए दायीं अंगुलियों को बायीं अंगुलियों पर रखें इस तरह 'जौ-रेंजे-इन्' मुद्रा बनती है।52