Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith

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Page 464
________________ 398... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन प्रकट करती है। • पिनियल एवं कामग्रंथियों के स्राव को संतुलित करते हुए भोगेच्छा का नियंत्रण, निर्णायक एवं नेतृत्व शक्ति का विकास तथा स्त्रित्व सम्बन्धी समस्याओं का निराकरण करती है। 75. न्यारै-जौ-इन् मुद्रा यह संयुक्त मुद्रा भगवान बुद्ध के लिए पात्र की सूचक है तथा इसे जापान देश के बौद्ध अनुयायियों द्वारा धारण किया जाता है। शेष वर्णन पूर्ववत। विधि ___ हथेलियों को संयोजित कर अंगूठा, तर्जनी, मध्यमा और कनिष्ठिका को भीतर की तरफ अन्तर्ग्रथित करें तथा अनामिका के अग्रभागों को आपस में मिलायें इस भाँति उपर्युक्त मुद्रा बनती है।90 न्यारे-जी-इन् मुद्रा सुपरिणाम इसके सुपरिणाम पूर्व मुद्रा के समान ही है।

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