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गर्भधातु-वज्रधातु मण्डल सम्बन्धी मुद्राओं की विधियाँ ...379 में रोग-प्रतिरोधात्मक शक्ति का विकास, चारित्रिक गठन, असत प्रवृत्तियों का उन्मूलन आदि होता है। शरीरस्थ कैल्शियम, आयोडीन, कोलेस्ट्राल आदि का संतुलन होता है तथा चित्त धैर्यशील एवं स्थिर बनता है। 60. खड्ग मुद्रा ___ मुद्रा शास्त्र की परम्परा में खड्ग मुद्रा के अनेक प्रकार हैं उनमें से तीन जापानी बौद्ध परम्परा में प्रचलित हैं। ये त्रिविध मुद्राएँ गर्भधातु मण्डल-होम आदि के समय ही धारण की जाती है। खड्ग अर्थात तलवार। तलवार सुरक्षा का प्रतीक है अत: यह धर्मशत्रुओं से संरक्षण की सूचक मुद्राएँ हैं। प्रथम विधि
इसमें अनामिका और कनिष्ठिका को हथेली के भीतर मोड़ें, अंगूठा उन दोनों पर मुड़ा हुआ रहें, तर्जनी और मध्यमा को ऊर्ध्व प्रसरित करने पर खड्ग1 मुद्रा बनती है।
सुपरिणाम
खड्ग मुद्रा-1 • यह मुद्रा आकाश तत्त्व को प्रभावित करते हए थायरॉइड, पेराथायरॉइड, टॉन्सिल्स, लार रस आदि पर नियंत्रण रखती है और मानसिक