Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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376... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
सुपरिणाम
• इस मुद्रा का प्रयोग अग्नि एवं वायु तत्त्व का नियमन करते हुए कुपित वायु, गठिया, साइटिका, वायुशूल, लकवा आदि रोगों का निवारण करता है। • मणिपुर एवं अनाहत चक्र को जागृत कर यह मुद्रा शरीरस्थ रक्त, शर्करा, जल, सोडियम आदि का नियंत्रण एवं तनाव का शमन कर शक्ति उत्पादन करती है। इससे वक्तृत्व, कवित्व, इन्द्रिय निग्रह आदि गुणों का वर्धन होता है। • थायमस एवं एडिनल ग्रंथि के स्राव को संतुलित कर आत्म शक्ति का विकास करती है। 57. कवच मुद्रा-2
__ कवच मुद्रा का दूसरा प्रकार भी जापान देश की बौद्ध सम्प्रदाय में स्वीकृत है। यह पूर्ववत संरक्षण की सूचक है और दोनों हाथों से की जाती है। विधि
इसमें हथेलियाँ मध्यभाग की तरफ, अंगूठा, तर्जनी, मध्यमा और कनिष्ठिका ऊपर की ओर तथा अनामिका अपने प्रतिरूप अग्रभाग का स्पर्श करती हुई रहती है।68
कवच मुद्रा-2