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गर्भधातु-वज्रधातु मण्डल सम्बन्धी मुद्राओं की विधियों ...335 • एक्युप्रेशर पद्धति के अनुसार यह मुद्रा पोटैशियम, सोडियम और जल की मात्रा को संतुलित कर कामेच्छाओं को नियंत्रित एवं नेतृत्व शक्ति का विकास करती है। बालकों में रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति का विकास होता है। 30 धर्मचक्र प्रवर्तन बोधिसत्त्व वर्ग मुद्रा
बौद्ध भिक्षुओं का एक प्रकार बोधिसत्त्व कहलाता है। उस वर्ग द्वारा की गई नियम स्थापनाएँ अथवा आचार व्यवस्थाएँ धर्मचक्र प्रवर्तन बोधिसत्त्व वर्ग मुद्रा कहलाती है। शेष वर्णन पूर्व मुद्रावत। विधि
दोनों हाथों की मध्यमा, अनामिका और कनिष्ठिका को हथेली के भीतर मोड़ें, अंगूठा मध्यमा के प्रथम पोर का स्पर्श करता हुआ रहे, तर्जनी प्रथम एवं दूसरे जोड़ पर से झुकी हुई एवं प्रतिपक्षी अग्रभाग को स्पर्श करती हुई रहने पर उपरोक्त मुद्रा बनती है।30
धर्मचक्र प्रवर्तन बोधिसत्व वर्ग मुद्रा