Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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गर्भधातु-वज्रधातु मण्डल सम्बन्धी मुद्राओं की विधियाँ ...355 द्वितीय विधि
__इसमें दोनों हाथों के अंगूठों को हथेली के भीतर मोड़ते हैं शेष वर्णन पूर्ववत।47 .
हक-शी-इन मुद्रा-2 सुपरिणाम
• पृथ्वी एवं अग्नि तत्त्व को संतुलित कर यह मुद्रा शरीर-नाड़ी शोधन एवं कब्ज को दूर करते हुए पेट के विभिन्न अवयवों का क्षमता वर्धन करती है तथा हृदय को शक्तिशाली बनाती है।
• मणिपुर एवं मूलाधार चक्र को प्रभावित करते हुए यह मुद्रा अग्नि तत्त्व पर नियंत्रण, पाचक रसों का उत्पादन, शरीरस्थ सोडियम आदि का नियमन करती है। यह तनाव पर नियंत्रण करते हुए कार्य शक्ति में विकास भी करती है।
• एक्युप्रेशर विशेषज्ञों के अनुसार यह मुद्रा कपट, अहंकार, अनीति आदि को नियन्त्रित करती है तथा तीव्र परख शक्ति एवं अथक कार्य शक्ति का विकास करती है।