Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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350... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन विधि
हथेलियों को बाहर की ओर अभिमुख करें, अंगूठों को हथेली में मोड़कर मध्यमा और अनामिका को उनके ऊपर मोड़ते हुए रखें, तर्जनी एकदम सीधी तथा कनिष्ठिका प्रथम दो पोर के स्थान से मुड़ी हुई हों। फिर दोनों हाथों को Cross करते हुए बायें को दायें के आगे रखें तथा कनिष्ठिका को आपस में. अकड़ी हुई रखें। इस भाँति गे-कै-इन् मुद्रा बनती है।43
गे-के-इन् मुद्रा सुपरिणाम
• यह मुद्रा आकाश तत्त्व को संतुलित बनाए रखती है तथा हृदय को मजबूत एवं हार्ट अटैक, लकवा, मूर्छा आदि का निवारण करती है।
. आज्ञा चक्र एवं सहस्रार चक्र का जागरण कर यह मुद्रा ज्ञान को विकसित करती है। बुद्धि को कुशाग्र एवं एकाग्र बनाती है। विकल्पों का नाश कर निर्विकल्प स्थिति की प्राप्ति करवाती है।
• एक्युप्रेशर पद्धति के अनुसार यह स्मरण शक्ति, देखने-सुनने की शक्ति में वर्धन करती है। रक्तचाप एवं यौन शक्ति का नियमन करती है तथा निर्णय एवं नियंत्रण शक्ति का विकास करती है।