Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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346... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
गे-इन् मुद्रा-1
• मूलाधार एवं आज्ञा चक्र को प्रभावित कर यह मुद्रा जल, वायु, आकाश तत्त्व एवं फास्फोरस का नियमन करती है। यह शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास करते हुए एकाग्रता एवं कुशाग्रता में सहायक बनती है।
• दर्शन एवं शक्ति केन्द्र को जागृत करते हुए यह मुद्रा असंयम का निरून्धन, अतिन्द्रिय क्षमता का वर्धन तथा कुण्डलिनी का जागरण कर साधना पक्ष को मजबूत बनाती है। द्वितीय विधि __भारत में गे-इन् मुद्रा के इस प्रकार को क्रोध मुद्रा एवं वज्रमुष्टि मुद्रा कहते हैं। यह मुद्रा भी जापानी बौद्ध परम्परा के अनुयायी वर्ग ही धारण करते हैं। इसकी विधि निम्न है- हथेलियाँ पीछे की ओर मुड़ी हों, अंगूठों को हथेली के अंदर मोड़कर रखें, मध्यमा और अनामिका को अंगूठों के ऊपर झुकाकर रखें, तर्जनी और कनिष्ठिका के प्रथम-द्वितीय पोर को सख्तता के साथ मोड़ते हुए तीसरे पोर को एकदम सीधा रखें इस प्रकार गे-इन् मुद्रा का दूसरा प्रकार बनता है।40