Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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318... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन 16. चिंतामणि मुद्रा (प्रथम रीति)
इस मुद्रा का अभिप्राय चिन्तामणि रत्न की याचना एवं उसकी प्राप्ति से भी हो सकता है। सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाला रत्न चिंतामणि कहलाता है। यह चिन्तामणि रत्न से सम्बन्धित हर्ष और संतोष की मुद्रा है। जिसे चिन्तामणि रत्न की प्राप्ति हो जाती है उसके हर्ष का पारावार नहीं रहता। यह मुद्रा भी प्रतीक रूप में प्रसन्नता की अभिवृद्धि करती है।
__यह जापानी बौद्ध परंपरा में श्रद्धालुओं द्वारा गर्भधातु मण्डल, वज्रधातु मण्डल, होम आदि धार्मिक क्रियाओं के प्रसंग पर धारण की जाती है। यह संयुक्त मुद्रा दोनों हाथों में समान रूप से होती है।
चिंतामणि मुद्रा-1
विधि
दोनों हथेलियों को मध्यभाग की तरफ रखें, अंगूठों को ऊर्ध्व प्रसरित कर उन्हें बाह्य किनारियों से मिलायें, मध्यमा, अनामिका और कनिष्ठिका के अग्रभागों का परस्पर स्पर्श करवायें तथा तर्जनी को हल्की सी मोड़ते हुए मध्यमा के मध्य जोड़ पर स्थिर करें। इस भाँति चिंतामणि मुद्रा बनती है।16