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328... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन करती है।
• यह मणिपुर एवं अनाहत चक्र को प्रभावित कर शक्ति प्रदान करती है तथा मधुमेह, कब्ज, अपच, गैस एवं पाचन विकृतियों को दूर करती है।
• तैजस एवं आनंद केंद्र को जागृत करते हुए यह मुद्रा भावों को निर्मल एवं परिष्कृत कर वृत्तियों का शोधन एवं शक्ति का संचय करती है। 25. चौ-जइ-इन् मुद्रा
यह तान्त्रिक मुद्रा भी मुख्य रूप से जापानी बौद्ध परम्परा में प्रचलित है। इसे वहाँ के श्रद्धालु वर्ग वज्रधातु मण्डल से सम्बन्धित क्रियाओं में प्रयुक्त करते हैं। इस मुद्रा के द्वारा पापों का नाश करने के लिए उन्हें एक साथ किया जाता है। विधि ___ हथेलियों को मध्यभाग में रखते हुए एक-दूसरे से मिलायें, अंगूठे Cross करते हुए और तर्जनी अंगूठों के नाखूनों का स्पर्श करती हुई रहें, मध्यमा ऊपर उठी हुई और अपने प्रतिपक्ष के अग्रभाग का स्पर्श करती हुई रहें तथा अनामिका
और कनिष्ठिका अन्तर्ग्रथित हुई और उनके अग्रभाग अपने प्रतिरूप के तीसरे जोड़ का स्पर्श करती हुई रहने पर चौ-जइ-इन् मुद्रा का निर्माण होता है।25
चौ-जइ-इन मुद्रा