Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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जापानी बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक स्वरूप ...269 सुपरिणाम
• यह मुद्रा जल एवं अग्नि तत्त्व का संतुलन स्थापित करती है। इनके संयोग से रक्त विकार दूर होते हैं। पित्त से उभरने वाली बीमारियों का उपशमन एवं मूत्र दोष का परिहार होता है । • स्वाधिष्ठान एवं मणिपुर चक्र को जागृत करते हुए यह मुद्रा डायबिटीज, रक्तचाप, अपच, कब्ज, एसिडिटी आदि को दूर कर विशिष्ट शक्तियों का जागरण और काम वासनाओं को नियंत्रित करती है। • एड्रिनल एवं गोनाड्स को सक्रिय करते हुए यह मुद्रा रक्तचाप, तेज सिरदर्द आदि का उपचार करती है तथा मासिक धर्म, प्रजनन, वंध्यत्व आदि से सम्बन्धित समस्याओं का निदान करती है।
75. वितर्क मुद्रा
यह मुद्रा चीन में 'अन् - वेइ - यिन्', जापान में 'अन्- आया- इन्' और तिब्बत में 'स्ब्यिन-फ्याग् य' के नाम से पहचानी जाती है। उपलब्ध सामग्री के अनुसार यह मुद्रा ईश्वर सम्बन्धी विवादों अथवा चर्चाओं की सूचक है।
वितर्क मुद्रा