Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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जापानी बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक स्वरूप ...267
विकास होता है। • यह मुद्रा अनाहत एवं विशुद्धि चक्र का जागरण कर बालकों के विकास एवं ज्ञान तंतुओं के जागरण में सहायक बनती है। यह साधक को महाज्ञानी, शान्त चित्त, निरोगी एवं शोकहीन बनाती है। • एक्युप्रेशर प्रणाली के अनुसार यह शरीरस्थ कैल्शियम एवं फास्फोरस का संतुलन और उद्दंडता पर नियंत्रण करती है तथा बालकों में उत्साह एवं उल्लास भाव का वर्धन करती है। 73. वज्रांजलि मुद्रा
यह जापान देश में अनुचरित एक विशिष्ट मुद्रा है। इसे भक्तिमय अभिवादन और आध्यात्मिक वशीकरण की सूचक माना गया है। शेष पूर्ववत । विधि
दायीं हथेली को बायीं हथेली से स्पर्शित कर अंगुलियों एवं अंगूठों के प्रथम पोरं को अन्तर्ग्रथित करने पर वज्रांजलि मुद्रा बनती है। 83
वज्रांजलि मुद्रा
सुपरिणाम
• यह मुद्रा करने से जल एवं आकाश तत्त्व संतुलित रहते हैं। यह हृदय सम्बन्धी रोगों पर नियंत्रण, शारीरिक दुर्बलता आदि का निवारण करते हुए शुभ