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206... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन सुपरिणाम
• यह मुद्रा अग्नि एवं वायु तत्त्व को संतुलित करती है। इससे गैस की विभिन्न विकृतियाँ दूर होकर तत्क्षण शक्ति मिलती है। मस्तिष्क का स्नायु तंत्र मजबूत बनता है। सिरदर्द, अनिद्रा आदि का निवारण होता है। • मणिपुर एवं विशुद्धि चक्र को जागृत करते हुए यह मुद्रा विविध कलाओं एवं गुणों को विकसित करती है। आभ्यंतर ज्ञान को जागृत कर चित्त को शान्त एवं स्थिर बनाती है। • एडिनल एवं थायरॉइड ग्रंथियों को विशेष सक्रिय बनाते हुए यह मुद्रा पित्ताशय, लीवर, रक्त परिभ्रमण, रक्तचाप, प्राणवायु आदि का संतुलन करती है। 26. चक्रवर्ती मुद्रा
यह मुद्रा जापानी बौद्ध परम्परा में विविध धार्मिक कार्यों एवं देवी-देवता के आह्वान के लिए धारण की जाती है। यह चक्रवर्ती से सम्बन्धित मुद्रा है जो सम्पूर्ण विश्व के सम्राट को सूचित करती है। इस मुद्रा के द्वारा चक्रवर्ती की संपदा को स्मृत या उजागर किया जाता है।
चक्रवर्ती मुद्रा