Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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224... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
सुपरिणाम
• इस मुद्रा के अभ्यास से आकाश तत्त्व संतुलित होता है। • सहस्रार एवं अनाहत चक्र को जागृत करते हुए यह मुद्रा मानसिक संकल्प-विकल्पों का नाश कर एकाग्रता एवं असम्प्रज्ञात समाधि की प्राप्ति करवाती है। • ज्ञान एवं आनंद केन्द्र को जागृत कर यह मुद्रा मन की समस्त वृत्तियों एवं विभिन्न कोष्ठों को नियंत्रित करती है। इसी के साथ बुद्धि, स्मृति, चिंतन शक्ति को विकसित कर प्राग अवबोध एवं परामनोवैज्ञानिक ज्ञान की उपलब्धि करवाती है तथा काम वासनाओं का परिशोधन करती है। 40. ज्ञान मुद्रा
भारत में इसे वज्र मुद्रा भी कहते हैं। यह जापानी बौद्ध परम्परा में अधिक प्रचलित है। इस संयुक्त मुद्रा की विधि निम्न हैविधि ____बायें हाथ की तर्जनी और अंगूठे को ऊपर की ओर उठायें तथा शेष
वान मुद्रा