Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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242... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन सुपरिणाम
• इस मुद्रा के प्रयोग से अग्नि एवं जल तत्त्व संतुलित रहते हैं। यह मुद्रा पित्त से उभरने वाली बीमारियों एवं मूत्र दोष का परिहार करती है। गुर्दे को स्वस्थ बनाती है तथा शरीर की कान्ति, तेज एवं स्निग्धता में वर्धन करती है। . मणिपुर एवं स्वाधिष्ठान चक्र को जागृत करते हुए यह मुद्रा मधुमेह, कब्ज, अपच, गैस, पाचन विकृति आदि का निवारण करती है। • यह मुद्रा तैजस एवं स्वास्थ्य केन्द्र को प्रभावित करते हुए एसिडिटी, उल्टी, रक्तचाप, तेज सिरदर्द, प्राणवायु एवं शर्करा संतुलन आदि में लाभकारी है। 52. पुष्पमाला मुद्रा
यह मुद्रा दो रूपों में प्राप्त होती है। इसका एक प्रकार 18 कर्तव्यों के समय दर्शाया जाता है और दूसरा धार्मिक क्रियाओं के प्रसंग पर प्रकट किया जाता है। प्रस्तुत मुद्रा जापानी बौद्ध परम्परा में मान्य एवं फूलमाला की सूचक है।
पुष्पमाला मुद्रा