Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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जापानी बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक स्वरूप
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सुप्रतिष्ठ मुद्रा
सुपरिणाम
• यह मुद्रा आकाश तत्त्व को नियंत्रित करते हुए हृदय सम्बन्धी रोगों को उपशान्त कर भावधारा को निर्मल, वातावरण को शान्त, आनंदयुक्त एवं चित्त को प्रसन्न करती है । • यह मुद्रा मूलाधार, सहस्रार एवं आज्ञा चक्र को प्रभावित करते हुए संशयात्मक स्थिति का निवारण कर आन्तरिक दिव्य ज्ञान की उत्पत्ति करती है। बुद्धि को कुशाग्र एवं एकाग्र बनाती है। • यह मुद्रा पीनियल, पिच्युटरी एवं कामग्रंथियों को संतुलित करती है। इससे व्यक्ति में अनेक प्रतिभाओं का विकास होता है और शेष ग्रंथियों के कार्य नियंत्रित होते हैं।
69. सूत्र मुद्रा
जापानी बौद्ध परम्परा की यह मुद्रा धार्मिक अनुष्ठानों से सम्बद्ध रखती है। शेष वर्णन पूर्ववत ।
विधि
दोनों हथेलियों को अंदर की तरफ करते हुए तर्जनी और कनिष्ठिका को हथेली में मोड़ें, अंगूठा इन अंगुलियों के प्रथम पोर पर मुड़ा हुआ रहे, मध्यमा