Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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256... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन सुपरिणाम
• यह मुद्रा पृथ्वी एवं आकाश तत्त्व को प्रभावित करते हुए त्वचा, नाखुन, हड्डियों, मांसपेशियों, बाल, हृदय, थायरॉइड, पेराथायरॉइड, टान्सिल्स आदि को नियंत्रित एवं संतुलित रखती है। • मूलाधार, मणिपुर एवं आज्ञाचक्र को संतुलित करते हुए यह मुद्रा आरोग्य, कार्य कुशलता, शीघ्रग्राही बुद्धि तथा बाह्य एवं आन्तरिक शक्ति में वर्धन करती है। • शक्ति, तैजस एवं दर्शन केन्द्र को जागृत करते हुए यह मुद्रा आन्तरिक राग-द्वेषादि कषायों का शमन करती है, बुद्धि को तीव्र-एकाग्र बनाती है तथा काम वासनाओं को नियंत्रित करती है। 64. शक्र मुद्रा
यह तांत्रिक मुद्रा विविध धार्मिक कार्यों के समय धारण की जाती है तथा यह मुद्रा शक्र नामक इन्द्र की सूचक है। शेष वर्णन पूर्ववत। विधि __अंगूठा और तर्जनी को ऊपर की तरफ फैलाकर तथा मध्यमा, अनामिका और कनिष्ठिका को हथेलियों में मोड़कर दोनों हाथों को समीप लाना शक्र मुद्रा है।73
शक मुद्रा