Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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जापानी बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक स्वरूप ...231 विकास, स्नायुतंत्र का शक्ति वर्धन, सिरदर्द, अनिद्रा, सन्धिवात, वायुशूल, लकवा आदि का निवारण होता है। • मणिपुर एवं विशुद्धि चक्र को जागृत करते हुए यह मुद्रा, जल, सोडियम, रक्त शर्करा, कैल्शियम आदि का नियंत्रण करती है। पाचन तंत्र को मजबूत, सक्रिय एवं संतुलित तथा कार्य शक्ति का नियमन करती है। ___ एड्रिनल, पेन्क्रियाज, थायरॉइड एवं पेराथायरॉइड ग्रंथियों को प्रभावित करते हुए यह मुद्रा हिचकी, दाँत की तकलीफ, स्नायुओं की मोच आदि को नियंत्रित रखती है। एसिडिटी, उल्टी, तेज सिरदर्द, रक्तचाप, आधासीसी आदि विकारों का शमन करती है। 46. कोंगो-गस्सहौ मुद्रा __यह मुद्रा जापान देश में प्रचलित है। यह अंजलि मुद्रा की प्रकारान्तर मुद्रा है। इसे श्रद्धा, भक्ति, आराधना की सूचक माना जाता है। यह संयुक्त मुद्रा निम्न विधि से की जाती है
कोंगो-गस्साठी मुद्रा