Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
View full book text
________________
228... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन विधि ___ बायीं हथेली बाहर की तरफ, तर्जनी मध्यमा और अंगूठा तीनों हथेली की ओर झुके हुए एवं परस्पर अग्रभागों का स्पर्श करते हुए तथा अनामिका और कनिष्ठिका बढ़ते हुए क्रम से हथेली की तरफ झुकी हुई हों, तब कटक मुद्रा कहलाती है।47
सुपरिणाम
कटक मुद्रा • इस मुद्रा की साधना आकाश तत्त्व को प्रभावित करते हुए थायरॉइड, पेराथायरॉइड, लाररस आदि पर नियंत्रण करती है तथा शरीर से विजातीय तत्त्वों एवं विष द्रव्यों को दूर करती है। • अनाहत एवं विशुद्धि चक्र को जागृत करते हुए यह मुद्रा वायु तत्त्व, फेफड़ें और हृदय का नियमन, शरीर के तापमान एवं कैल्शियम का संतुलन कर, ऊर्जा उत्पादन, रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति का विकास एवं ज्ञान तंतुओं को जागृत करती है। • आनंद एवं विशुद्धि केन्द्र को सक्रिय करते हुए यह मुद्रा जीवन की क्षमता को विकसित एवं तीव्र बनाती है। भावों को निर्मल एवं परिष्कृत करती है।