Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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जापानी बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक स्वरूप ...225 अंगुलियों को हथेली में मोड़ें। दायें हाथ की मुट्ठी बनाते हुए बायीं तर्जनी को उसमें सन्निविष्ट कर देना, ज्ञान मुद्रा है।44 सुपरिणाम
• इस मुद्रा के प्रयोग से आकाश तत्त्व प्रभावित होता है। यह भीतरी कोलाहल को मुक्त करते हुए शान्त वातावरण का निर्माण करती है तथा हार्ट अटैक, लकवा, मूर्छा आदि का निवारण करती है। • यह मुद्रा विशुद्धि एवं आज्ञा चक्र को प्रभावित कर व्यक्ति को महाज्ञानी, पंडित, शान्त चित्त, निरोगी, शोकमुक्त एवं दीर्घ जीवी बनाती है। • एक्युप्रेशर विशेषज्ञों के अनुसार यह मुद्रा बौनेपन, मानसिक मंदता, अविकसित शरीर, बालकों में झूठ, शरारत आदि अनैतिक प्रवृत्तियों का निराकरण करती है। 41. कन्शुकुन्देन्-इन् मुद्रा
जापानी बौद्ध परम्परा में प्रवर्तित यह मुद्रा दोनों हाथों से की जाती है तथा यह षडक्षर सूत्र की सूचक है। इसकी रचना निम्न रीति से होती है
कन्शुकुन्देन्-इन मुद्रा