Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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210... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
ए
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चिकु-चौ-शी-इन् मुद्रा
सुपरिणाम
• इस मुद्रा का प्रयोग जल एवं पृथ्वी तत्त्व को संतुलित करता है। इनके सम्यर संयोजन से जीवनी शक्ति में वृद्धि होती है तथा भारीपन, चर्बी, सर्दी, दमा, आर्थाइटि आदि रोगों का शमन होता है। • स्वाधिष्ठान एवं मूलाधार चक्र को जागृत कर यह मुद्र काम वृत्तियों का शमन, ऊर्जा का ऊर्ध्वारोहण तथा नाभि केन्द्र को जागृत कर ध्या सिद्धि करवाती है। • एक्यूप्रेशर विशेषज्ञों के अनुसार प्रजनन कार्य में सरलता, वंध्यत्त निवारण, मासिक धर्म, स्वप्न दोष, हस्तदोष, शारीरिक गर्मी आदि का संतुलन करती है यह नाभि से सम्बन्धित रोगों को भी उपशान्त करती है। 30. गगनगंज मुद्रा-1 ___ यह मुद्रा विविध धार्मिक क्रियाओं के समय जापानी बौद्ध परम्परा के धर्म गुरुओं औ भक्तों द्वारा धारण की जाती है। यह बोधिसत्त्व गगनगंज की सूचक है।