Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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204... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन मणिपुर एवं स्वाधिष्ठान चक्र को जागृत करते हुए यह मुद्रा शारीरिक एवं आध्यात्मिक बल प्रदान करती है। शरीर को बलशाली एवं सत्त्वशाली तथा उदर को स्वस्थ एवं संतुलित बनाती है। • स्वास्थ्य एवं तैजस केन्द्र को प्रभावित करते हुए यह मुद्रा घृणा, क्रोध, ईर्ष्या, भय, लोभ, तृष्णा आदि का शमन करती है तथा काम ग्रंथियों के स्राव को संतुलित रखती है। 24. बुप्पत्सु-इन् मुद्रा
इसे जापान में बुप्पत्सु-इन्, चीन में फो-पुओ-यिन् और भारत में बुद्धपत्त मुद्रा कहते हैं। यह तान्त्रिक मुद्रा सामान्य रूप से जापानी बौद्ध परम्परा में अनुपालित है। यह मुद्रा भगवान बुद्ध द्वारा बैठकर की गई, उनके भिक्षुक होने की सूचक है। जो इस मुद्रा को धारण करता है वह धर्म नियमों का पालक या ग्राहक होता है।
बुप्पत्सु-इन् मुद्रा विधि
बायीं हथेली को ऊपर की तरफ एवं दायीं हथेली को नीचे की ओर अभिमुख करें। अंगुलियों को अपनी-अपनी दिशा में फैलायें, हाथ थोड़े से मुड़े