Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
View full book text
________________
134... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
21. वज्र वीने मुद्रा ___ यह तान्त्रिक मुद्रा बौद्ध परम्परा में स्वीकृत एवं देवी तारा की उपासना से सम्बन्धित है। विषय सुख की सोलह देवियों, मुख्य रूप से वज्रायना देवी तारा को प्रसन्न करने एवं उनकी कृपा पाने के प्रयोजन से यह मुद्रा की जाती है। इस मुद्रा के प्रभुत्व को पाने के लिए उस समय अष्टमंगल एवं आन्तरिक द्रव्य चढ़ाये जाते हैं। पूजा मन्त्र का उच्चारण भी किया जाता है
'ओम् अह् वज्र वीने हुम्।'
यह मुद्रा छाती के सामने धारण करते हैं। विधि
दायी हथेली को अधोमुख रखते हुए अंगुलियों को भीतर मोड़ें और अंगूठे को मध्य भाग की तरफ फैलायें। बायीं हथेली को ऊर्ध्वमुख करते हुए अंगुलियों को भीतर मोड़ें और अंगूठे को बायीं तरफ फैलायें। तत्पश्चात दायें अंगूठे के प्रथम पोर को बायीं मुट्ठी के अन्दर करने पर वज्र वीने मुद्रा बनती है।22
mma
सुपरिणाम वज वीने मुद्रा
• यह मुद्रा वायु तत्त्व को प्रभावित करती है जिससे प्राणवायु स्थिर बनती है तथा फेफड़ें, हृदय एवं गर्दै सम्बन्धी रोगों का शमन होता है। • यह