Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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152... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
मांसपेशियों को मजबूत करती है तथा मोटापा, निद्रा, स्वाभाविक रूखेपन आदि को दूर करती है। • यह मुद्रा मूलाधार एवं मणिपुर चक्र के ऊपर प्रभाव डालते हुए मधुमेह, कब्ज, अपच, गैस एवं पाचन विकृतियों को भी दूर करती है। • गोनाड्स एवं एडिनल ग्रंथियों पर प्रभाव डालते हुए यह मुद्रा रक्त संचार व्यवस्था, मांसपेशियों, रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति आदि को विकसित, व्यक्तित्व निर्माण, एलर्जी आदि से बचने में सहयोग करती है। 11. वज्र बंध मुद्रा
भारत में यह मुद्रा वज्र बंध मुद्रा, भूमि बंध मुद्रा, सीमा बंध मुद्रा और जापान में जि-केटसु-इन् मुद्रा के नाम से संबोधित एवं बौद्ध परम्परा में अठारह कर्तव्यों से सम्बन्धित है। इस संयुक्त मुद्रा को किसी भी पवित्र स्थान के वर्णन की सूचक माना गया है।
विधि
हथेलियों को अधोमुख करते हए मध्यमा और अनामिका को बाहर की ओर अन्तर्ग्रथित करें तथा तर्जनी, कनिष्ठिका और अंगूठे ऊपर की तरफ फैले हुए एवं परस्पर में अग्रभागों का स्पर्श करते हुए रहें। इस तरह वज्रबंध मुद्रा बनती है।1
वज बंध मुद्रा