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जापानी बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक स्वरूप ... 189
अभिद-बुत्सु सेप्पी-इन् मुद्रा - 3
विधि
इस तीसरे प्रकार में अंगूठे के प्रथम पोर को अनामिका के प्रथम पोर से स्पर्श करवाया जाता है। शेष विधि पूर्ववत समझनी चाहिए | 13
12. अभिद - बुत्सु - सेप्पौ - इन् मुद्रा - 4
यह चौथा प्रकार निम्न वर्ग की निम्न श्रेणियों के लिए है। शेष वर्णन पूर्ववत
समझें।
विधि
इस मुद्रा में दायां हाथ ऊपर की ओर तथा बायां हाथ नीचे की ओर होता है। शेष विधि तीसरे प्रकार के समान है । 14
सुपरिणाम
• यह मुद्रा आकाश तत्त्व को प्रभावित करते हुए शरीर में रहे विष द्रव्यों एवं विजातीय तत्त्वों को दूर करती है तथा हृदय रोग एवं तत्सम्बन्धी समस्याओं