Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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98... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन
सुपरिणाम
• इस मुद्रा का प्रयोग करने से अग्नि एवं आकाश तत्त्व प्रभावित होते हैं। इनके संयोग से शरीर की नाड़ी शुद्धि होती है और पेट के विभिन्न अवयवों की क्षमता बढ़ती है तथा हृदय शक्तिशाली बनता है। • यह मुद्रा मणिपुर एवं सहस्रार चक्र को जागृत करते हुए व्यक्ति को असम्प्रज्ञात समाधि में स्थिर करती है तथा इससे ऊर्जा का वर्धन होता है। • इससे पाचन सम्बन्धी विकार भी दूर होते हैं। 2. मणिरत्न मुद्रा
यह तान्त्रिक मुद्रा बौद्ध की वज्रायन परम्परा में की जाती है। यह सप्तरत्नों में से एक है तथा वज्रायना देवी तारा की पूजा से संबंधित है। इस मुद्रा को इच्छापूरक मंत्र की सूचक माना गया है। पूजा मन्त्र यह है- 'ओम् मणिरत्न प्रतिच्छाहूम् स्वाहा।' यह संयुक्त मुद्रा छाती के स्तर पर धारण की जाती है और यह मुद्रा गगन में उड़ते हुए पक्षी के सदृश प्रतीत होती है।
मणिरत्न मुद्रा