Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
View full book text
________________
120... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन 10. वज्र गंधे मुद्रा
यह तान्त्रिक मुद्रा मुख्य रूप से वज्रायना देवी तारा की पूजा के समय प्रयुक्त की जाती है। परम्परानुसार इस समय सोलह आन्तरिक द्रव्य चढ़ाये जाते हैं जिन्हें रहस्यमयी भेंट कहा गया है। पूजा मन्त्र यह है- 'ओम् अह् वज्र गंधे हूम्' दोनों हाथों में समान मुद्रा बनती है।
वज गंधे मुद्रा विधि
हथेलियों को मध्यभाग में रखते हुए अंगूठे और तर्जनी के अग्रभागों को स्पर्श करवायें, शेष अंगुलियों को ऊपर की ओर फैलायें तथा दोनों हाथों को अत्यन्त समीप लायें ताकि दोनों अंगूठे और दोनों तर्जनियाँ परस्पर मिल सकें, इस भाँति वज्र गंधे मुद्रा बनती है।11 सुपरिणाम
• यह मुद्रा वायु एवं आकाश तत्त्व को प्रभावित करती है। इससे हृदय सम्बन्धी रोगों का निदान एवं अनहद भावों का विकास होता है। प्राण वायु स्थिर होती है। हृदय, गुर्दे और फेफड़ें सम्बन्धी अनेक समस्याओं का उपचार होता है।