Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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130... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन पीयूष ग्रंथि को सक्रिय करती है तथा बुद्धि को कुशाग्र, दिमाग को शान्त एवं वाणी को प्रभावी बनाती है। • यह मुद्रा पिच्युटरी एवं गोनाड्स (काम ग्रन्थियों) को सक्रिय करती है जिससे शरीर के आन्तरिक क्रिया कलापों पर सम्यक प्रभाव पड़ता है। यह इच्छा एवं वासनाओं पर नियंत्रण कर शक्ति का ऊर्ध्वारोहण करती है। 18. वज्र पुष्ये मुद्रा
यह तान्त्रिक मुद्रा अष्ट मंगल चढ़ाने एवं वज्रायना देवी तारा की पूजा करने से सम्बन्धित है। पूर्ववत इस मुद्रा को प्रदर्शित करते हुए विषय सुख की प्रतीक सोलह देवियों में से किसी एक देवी के समक्ष सोलह आन्तरिक द्रव्य चढ़ाये जाते हैं। उस समय पूजा सिद्धि हेतु मन्त्रोच्चार भी किया जाता है। वह निम्न है
'ओम् अह् वज्रपुष्ये हुम्।'
दोनों हाथों में प्रतिबिम्ब की भाँति मुद्रा बनती है। यह मुद्रा छाती के सामने धारण करते हैं।
वक्ष पुष्पे मुद्रा