Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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भगवान बुद्ध की मुख्य 5 एवं सामान्य 40 मुद्राओं की... है तथा ऍसिडिटी, रक्तचाप (B. P . ), सिरदर्द, डायबिटीज आदि रोगों का निवारण करती है।
22. पेंग् नकलोक् मुद्रा (पीछे मुड़कर देखने की मुद्रा)
थायलैण्ड देश में यह बौद्ध मुद्रा 'पेंग् नकवलोक्' नाम से प्रसिद्ध है। इसे भारत में 'ज्ञान लोलहस्त' मुद्रा कहा गया है। भगवान बुद्ध द्वारा धारण की गई 40 मुद्राओं में से यह बाईसवीं मुद्रा है। 'द हेरिटेज ऑफ थाइ स्कल्प्चर' आदि पुस्तकों के अनुसार जब बुद्ध ने वैशाली ग्राम की तरफ पीछे मुड़कर देखा था यह उस समय की सूचक मुद्रा है। इस मुद्रा को दोनों हाथों से दिखाया जाता है । विधि
दायीं हथेली को मध्य भाग में रखते हुए अंगूठा और तर्जनी के अग्रभाग को परस्परं मिलायें तथा शेष अंगुलियों को बायीं तरफ फैलायें । बायीं हथेली को अंदर की तरफ रखते हुए अंगुलियों को नीचे की ओर फैलाने पर 'पेंग् नकवलोक्' मुद्रा बनती है । 25 इसमें मस्तक को बायीं तरफ घुमाया जाता है।
पेंग्-नकवलोक् मुद्रा