Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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76... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन सुपरिणाम
• यह मुद्रा आकाश एवं जल तत्त्व को प्रभावित करते हुए शरीर तापमान का नियमन, रूधिर आदि की कार्य पद्धति का सम्यक संचालन तथा हार्ट अटैक, लकवा, मूर्छा आदि के निवारण में सहयोग करती है। . आज्ञा एवं स्वाधिष्ठान चक्र को जागृत करते हुए यह मुद्रा मानसिक, बौद्धिक एवं शारीरिक विकास में सहयोगी है। इससे बुद्धि कुशाग्र, तीव्रग्राही एवं स्मरण शक्ति तेज बनती है। • पिच्युटरी एवं गोनाड्स को सक्रिय एवं संतुलित करने में यह मुद्रा बह उपयोगी है। मुख्य रूप से बालकों के जीवन निर्माण में इस मुद्रा का सर्वाधिक उपयोग है। यह कामवासनाओं पर नियंत्रण करके ऊर्जा को विधेयात्मक कार्यों में उपयोगी बनाती है। 29. पेंग्-संहलुप्नम्म मुअंग दुएबहद् मुद्रा (चढ़ाये गये जल स्वीकार की मुद्रा)
यह थायलैण्ड की बौद्ध परम्परा में प्रचलित बुद्ध की 40 मुद्राओं में से एक मुद्रा है। इसे भारत में ध्यान-निद्रातहस्त के नाम से जाना जाता है। यह संयुक्त
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पेंग्-संहलुप्नम्म मुअंग दुसबसद् मुद्रा