Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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भगवान बुद्ध की मुख्य 5 एवं सामान्य 40 मुद्राओं की......41
नाभि खिसकना आदि में लाभ होता है। थायरॉइड और पेराथायरॉइड ग्रंथियों को प्रभावित करते हुए यह बालक का विकास करती है तथा शरीरस्थ विष एवं विजातीय तत्त्वों को दूर करती है। 2.पेंग सुंग रब्मथुपयस् मुद्रा (अर्पित चावल दलिया ग्रहण की मुद्रा)
यह मुद्रा जापान में पेंग सुंग और भारत में अंचित-अंचित मुद्रा के नाम से प्रसिद्ध है। भगवान बुद्ध के द्वारा धारण की गई 40 मुद्राओं में से यह दूसरी मुद्रा है। कहा जाता है कि बुद्ध ने दीर्घ तपस्या के पश्चात आहार के लिए चावल का दलिया ग्रहण किया था, यह उस सामान्य आहार की सूचक है। आज यह मुद्रा थेरपद बौद्ध परम्परा में प्रचलित है। ___ यह मुद्रा प्रलम्ब पदासन में की जाती है। विधि
इस संयुक्त मुद्रा में हथेलियों को घुटनों पर ऊर्ध्वमुख रखते हुए अंगुलियों और अंगूठों को किंचित झुकाने पर पेंग सुंग् रब्मथुपयस् मुद्रा बनती है।
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पेंग् सुंग रखमथुपयम् मुद्रा