Book Title: Bauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Author(s): Saumyagunashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith
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भगवान बुद्ध की मुख्य 5 एवं सामान्य 40 मुद्राओं की... 59 16. पेंग् पत्तकित् मुद्रा ( प्राप्त भिक्षा विभाजित करने की मुद्रा ) बौद्ध परम्परा में प्रचलित यह मुद्रा भारत देश में वरद-ध्यान मुद्रा के नाम से विख्यात है। यह बुद्ध के जीवन वृत्तान्त से सम्बन्धित 40 मुद्राओं में से सोलहवीं मुद्रा है। दर्शाये चित्र के अनुसार इस मुद्रा में दाहिना हाथ पात्र को स्पर्श करता हुआ दिखता है जो भोजन को सहवर्ती शिष्यों में अथवा स्वयं के लिए ग्रास रूप में बांटने का सूचक है। यह संयुक्त मुद्रा वीरासन अथवा वज्रासन में धारण की जाती है।
विधि
दायीं हथेली को सामने की तरफ रखें, अंगुलियों एवं अंगूठे को नीचे की तरफ इस भाँति फैलायें जैसे वह किसी प्याले को छू रहा हो । बायीं हथेली को इस भाँति ऊर्ध्वमुख रखें कि वह गोद में आराम करती हुई किसी प्याले को धारण की हुई हो। इस तरह पेंग् पत्तकित् मुद्रा बनती है । 18
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पेंग् पत्तकित् मुद्रा