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46... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन विधि ____ बायाँ हाथ ऊपर उठा हुआ, अंगुलियाँ और अंगूठे शिथिल रूप से ऊपर उठे हुए एवं हल्के से झुके हुए, हथेली बाहर की ओर छाती के स्तर पर धारण की हुई रहे, दायें हाथ की अंगुलियाँ नीचे की तरफ पार्श्वभाग में झुकी हुई रहें, इस भाँति पेंग् लिला मुद्रा बनती है। ___चलते समय जिस तरह बायाँ पैर उठा हुआ और दायाँ पैर नीचे की तरफ रहता है उसी तरह इस मुद्रा में पाँवों के प्रतीक रूप में बायाँ हाथ उठा हुआ और दायाँ हाथ नीचे की ओर रहता है।
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पेंग्-लिना मुद्रा सुपरिणाम
• यह मुद्रा अग्नि एवं आकाश तत्त्व को प्रभावित करती है। ये दोनों जीवन तत्त्व है। अग्नि तत्त्व शरीर रूपी गाड़ी का स्टार्टर है। यह बेहोशी, मस्तिष्क सम्बन्धी अव्यवस्था, तनाव, आँखों की कमजोरी, एसिडिटी की तकलीफों का शमन करती है। इसी के साथ स्मरण शक्ति का पोषण तथा शरीर के प्रत्येक भाग