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प्रेतात्माओं का साक्षात और सम्पर्क : पुनर्जन्म का साक्षी १०३
हैं। ऐसे देवों के किसी को प्रतिबोध देने, धर्मकार्य में सहायक होने आदि के रूप में मर्त्यलोक में आने के कई शास्त्रीय, ऐतिहासिक एवं आधुनिक प्रमाण भी मिलते हैं।
प्रेतात्मा द्वारा वैर-विरोध का प्रतिशोध
पूर्वजन्म में जिनके साथ किसी प्रकार का अन्याय-अत्याचार किया था, या जिन निर्दोष व्यक्तियों को यातना दी गई थी, उन्होंने अगले जन्म में प्रेत बनकर उसका बदला लिया है।
जापान की जनश्रुतियों में सत्रहवीं शताब्दी में एक महाप्रेत 'सोगोरो' की अगले जन्म में प्रेत बनकर बदला लेने की घटना प्रसिद्ध है। उन दिनों सामन्ती जागीरों में बंटे हुए जापान के शिमोसा प्रान्त के साकूरा गढ़ का सामन्त 'कोत्सुके' बड़ा अत्याचारी था। एक बार ४८ वर्षीय सोगोरो के नेतृत्व में १३६ गाँवों के किसानों ने अपने पर अत्याचार की कष्ट कथा लिखकर उक्त जागीरदार तक पहुँचाने की चेष्टा की। लेकिन वे इस प्रयत्न में सफल नहीं हुए। न तो जागीरदार उनसे मिला, न ही अर्जी पर गौर किया । किन्तु सोगोरो अन्त तक अपने निश्चय पर डटा रहा। उसने सामन्त का रास्ता रोक कर अर्जी उसके हाथ में थमा दी। फलतः उसने क्रुद्ध होकर सोगोरो को राष्ट्रद्रोह के अपराध में समस्त परिवार सहित मृत्यु दण्ड दे दिया। उनकी लाशें दफना दी गई। परन्तु उसी दिन से वातावरण दमघोंटू और भयावह बन गया। सोगोरो का प्रेत बदला लेने के लिये राजपरिवार के • पीछे बुरी तरह पड़ा रहा। अन्त में किसी न किसी प्रकार से जागीरदार . 'कोत्सुके' और उसके परिवार को मृत्यु का ग्रास बनना पड़ा। प्रेतात्माओं द्वारा बदला लेने के विभिन्न तरीके
• केम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रेतात्माओं सम्बन्धी शोधकार्य करने के लिए एक विशेष विभाग ही खुला हुआ है। अमेरिका में ‘साइकिक रिसर्च फाउंडेशन' नामक संस्था द्वारा अनेक वैज्ञानिकों और बुद्धिजीवियों द्वारा इस 'सम्बन्ध में सुनियोजित रूप से शोध कार्य चल रहा है। कई प्रेतात्माएँ बदला लेने के लिए उक्त घटना और वस्तु की भी पुनरावृत्ति करती हैं। ब्रिटिश परामनोवैज्ञानिक जे. बर्नर्ड हटन ने ऐसी घटनाओं पर पर्याप्त प्रकाश डाला है- अपनी पुस्तक 'द अदर साइड ऑफ दि रीएलिटी' में। "
१ अखण्ड ज्योति मई १९७४ में 'उसने प्रेत बनकर बदला लिया' लेख से पृ. ३३ २ (क) अखण्ड ज्योति, जुलाई १९७७ में प्रकाशित लेख से पृ. २७
(ख) वही, मई १९७६ से पृ. १३
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