________________
प्रेतात्माओं का साक्षात और सम्पर्क : पुनर्जन्म का साक्षी ११३
महत्वपूर्ण व्यक्तियों के समक्ष विभिन्न प्रमाणों सहित वार्तालाप कियाकराया था। मृतात्माएँ ऐसे तथ्य भी उद्घटित करतीं, जो नितान्त निजी होते। परलोकवाद पर विशिष्ट अध्ययन
ब्रिटेन के सम्मानित नागरिक 'सर आर्थर कानन डायल' ने अपने स्व. पुत्र डेनिस की मृतात्मा से सम्पर्क करके प्रेतलोक के बारे में बहुत-सी जानकारी एकत्रित की थी और उससे जनसाधारण को परिचित कराया था। "विज्ञान और मानव-विकास" तथा 'मैं आत्मा के अमरत्व में क्यों विश्वास करता हूँ ?" नामक पुस्तकों में मरणोत्तर जीवन पर विस्तृत प्रकाश डाला गया है। मतात्माओं के आह्वान का अभिनव प्रयोग __प्रसिद्ध पत्रकार एवं शिक्षाशास्त्री पं. श्रीनारायण चतुर्वेदी के पिता स्व. पं. द्वारिका प्रसाद चतुर्वेदी भी मृतात्माएँ बुलाने के प्रयोग करते थे। एक मेज पर वे पंचपात्र और एक चमची रख देते थे। मृतात्मा के आते ही पंचपात्र स्वयं बज उठता था। प्रेतात्मा ने स्वयं उपस्थित होकर अदालत में साक्षी दी __१७वीं शताब्दी के पादरी 'जेरेन्सी टेलर' ने अपनी संस्मरण पुस्तिका में प्रेतात्मा-सम्बन्धी आँखों देखा वर्णन किया है। एक बार पादरी 'बेलफास्ट' से 'डिल्स गेटो' घोड़े पर सवार होकर जा रहे थे। अचानक एक व्यक्ति उसके पीछे घोड़े पर बैठ गया। उसने अपना नाम 'हैडक जेम्स' बताते हुए कहा-"आप मेरी पत्नी तक सन्देश पहुँचा दें कि उसका नया पति शीघ्र ही उसकी हत्या करने वाला है।" पादरी ने उक्त महिला को यह सन्देश दिया तो उसे विश्वास ही न हुआ। किन्तु कुछ दिनों बाद उक्त महिला की हत्या कर दी गई। यह मुकद्दमा 'कैरिक फोरेंस' के न्यायालय में चला। पुलिस को उसके नये पति पर हत्या की शंका थी जिसकी साक्षी पादरी 'जेरेन्सी टेलर' ने प्रेतात्मा के शब्दों में दी थी। किन्तु मजिस्ट्रेट ने यह साक्षी अमान्य करते हुए कहा-“यदि यह सत्य है तो प्रेतात्मा स्वयं आकर इसकी साक्षी दे।" इस पर एकदम बिजली कड़की और एक हाथ निकला। १ अखण्ड ज्योति, नवम्बर १९७६ में प्रकाशित घटना से पृ. ३९ २ वही मार्च १९७९ से पृ. ३३ ३. अखण्डज्योति नवम्बर ७६ में प्रकाशित घटना से पृ. ४०
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org