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विलक्षणताओं का मूल कारण : कर्मबन्ध १५५
. इस प्रकार की कीर्तन प्रेमी अहिंसक सर्प की एक घटना 'अखण्ड ज्योति' में प्रकाशित हुई थी। देवरिया जनपद की तहसील सलेमपुर के अन्तर्गत ग्राम 'माडोपार' के ग्रामप्रधान की सूचनानुसार ता. ११-१-६५ को उस ग्राम में अखण्डकीर्तन हो रहा था। भक्तमण्डली तन्मय होकर धार्मिक भजन गा रही थी, भक्तिरस का वातावरण था। श्रोतागण भी मधुर-स्वर में गुनगुना रहे थे। परमात्म-प्रार्थना के कारण पारस्परिक द्वेष, दुर्गुण तथा दुष्ट मनोभाव दूर हो गए थे। इसी बीच संगीत माधुर्य तथा कीर्तन के पवित्र वातावरण से प्रभावित होकर एक सर्प न जाने कहाँ से आ गया, और अखण्डकीर्तन के मंच पर चढ़ गया। दूसरों की तरह वह भी फन ऊँचा किये, वहीं चुपचाप बैठ गया। पहले तो सब लोग भयभीत हुए। किन्तु भक्त सर्प ने किसी को भी परेशान नहीं किया। वह तन्मय एवं भावविभोर होकर चुपचाप कीर्तन सुनता रहा। वह हिला-डुला नहीं। गाँव वालों ने जब सुना तो दर्शनार्थियों का तांता लग गया। कीर्तन पूर्ववत् चलता रहा। तब तक वह सर्प न तो थका और न उठा। कीर्तन समाप्त होते ही वह न जाने कहाँ रफूचक्कर हो गया। गाँव वालों के आश्चर्य का ठिकाना न रहा।'
इसी प्रकार रोडेशिया (अफ्रीका) के एक कौए द्वारा कुत्ते के बच्चे पर दयालुता की, अजरबेजान के स्वामिभक्त गरुड़ की, धोबी के स्वामिभक्त गधे की, तांगानिका (अफ्रीका) में एक बिल्ली द्वारा मनुष्य को सांप से बचाने की, बंदरों द्वारा तोते के बच्चे को तथा भैस द्वारा गाय के बछड़े को पालने की घटनाएँ भी प्राणियों के पूर्वजन्म के कर्म-संस्कारों की मुंहबोलती कहानियाँ हैं।
इतना ही नहीं, पशुपक्षियों की तरह, पेड़-पौधों में भी विलक्षणताएँ पाई जाती हैं। बंगाल में नदिया जिले के 'भामजोआन' गाँव में एक शिक्षक के घर नारियल का एक पेड़ लगा हुआ है, जिसके बीज या फल से नहीं, 'किन्तु शाखाओं से ही उसकी सन्तान जन्मने लगती हैं। पिछले पाँच वर्षों में " इस पेड़ ने करीब १00 पौधों को जन्म दिया है। वे सभी पौधे उस पेड़ के पत्तों के मूल स्थान में अंकुर के रूप में फूटे थे। प्रत्येक अंकुर के कुछ बड़े होने पर उक्त शिक्षक ने उसे वहाँ से निकाल कर दूसरे स्थान पर रोप दिया। कुछ दिनों बाद उस पेड़ पर पुनः वैसा ही अंकुर फूटा। उक्त शिक्षक का कहना है कि अगर उन अंकुरों को उक्त पेड़ से अलग नहीं किया जाता, तो १ अखण्डज्योति (मासिक) जुलाई १९७४ में प्रकाशित ११-१-१९६५ की घटना २. अखण्ड ज्योति, जून १९७६ में प्रकाशित घटनाओं के आधार से
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