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सम्यक्त्व प्राप्ति
८५ इस पर भगवान् ने उत्तर दिया
"हे गौतम ! बिना सम्यक्त्व के उत्कृष्ट द्रव्य चारित्र का । पालन करने वाले अनेक ऐसे जीव हैं, जो कभी भी मोक्ष नहीं जावेंगे।" __इस पर गौतम स्वामी ने भगवान् से फिर प्रश्न किया ।
' "भगवन् ! चारित्र रहित उत्कृष्ट सम्यक्त्व का पालन करने वाला व्यक्ति अधिक से अधिक कितनी बार जन्म लेकर मोक्ष जाता है ?"
इस पर भगवान ने उत्तर दिया "वह अधिक से अधिक तीन बार जन्म मरण करके बाद अवश्य ही मोक्ष को प्राप्त करता है।" इस पर गौतम स्वामी ने फिर प्रश्न किया
"भगवन् ! क्या कोई ऐसा भी जीव है, जिसको सम्यक्त्व . की प्राप्ति तो हो गई हो, किन्तु जिसे कभी भी मोक्ष न मिले।" !'
इस पर भगवान् ने उत्तर दिया कि- ' '"ऐसा नहीं हो सकता । जो व्यक्ति एक मिनट के लिये भी . सम्यक्त्व को ग्रहण करेगा वह अवश्य मोक्ष को प्राप्त होगा।" __उपरोक्त वर्णन से यह निर्विवाद सिद्ध है कि संसार में .. सम्यक्त्व-रत्न ही सच्चा रत्न है। जिसको इस अमूल्य रत्न की प्राप्ति हो जाती है, सारा संसार उसके वश में हो जाता है। आज संसार के अन्दर अनेक मत मतान्तर फैले हुए हैं। उनके उलट-फेर तथा बाह्य आडम्बर को देखकर मनुष्य की बुद्धि . चकरा जाती है और वह भूलभुलैयां में पड़ कर अपने व्येय . तक पहुंचने में असमर्थ हो जाता है। इसलिये भगवान् महावीर.. स्वामी ने कहा है कि .