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प्रधानाचार्य श्री सोहनलाल जी प्रकट करते हुए उनको विश्वास दिलाया कि ऐसे सम्मेलन के लिये अविलम्ब प्रयत्न प्रारम्भ किया जावेगा। ___ डेपूटेशन ने १६ अप्रैल १६३१ के 'जैन प्रकाश' मे अमृतसर की इस सट के पूर्ण विवरण को देते हुए समाज से अपील की कि वह 'अखिल भारतीय मुनि सम्मेलन' को बुलाने के लिये पूर्ण शक्ति से प्रयत्न करे।
वास्तव मे अभी तक यह योजना काफी दिनों से ढीली ढाली सी चल रही थी। लोगों के मन मे विचार तो था, किन्तु उसे कार्य रूप में परिणत करने का साहस किसी को भी नहीं था। समाज को इस सम्बन्ध में एक गहरी प्रेरणा की श्रावश्यकता थी, जो उसका ठोक समय पर श्री पूज्य सोहनलाल जी महाराज से मिल गई । इस प्रेरणा के बाद समाज में वास्तव मे बल आ गया, और यह योजना बद्धमूल हो गई। अव सारे समाज में अखिल भारताय मुनि सम्मेलन बुलाने का आन्दोलन प्रारम्भ हो गया।