Book Title: Sohanlalji Pradhanacharya
Author(s): Chandrashekhar Shastri
Publisher: Sohanlal Jain Granthmala

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Page 459
________________ श्रापके उत्तराधिकारी ४१६ ___ अजमेर सम्मेलन का आयोजन पूज्य श्री सोहनलाल जी महाराज की आज्ञानुसार किया गया था। इस सम्मेलन के कारण सबके ध्यान में यह बात आ गई कि मुनिसंघ मे प्रचलित तत्कालीन अनेक संप्रदाय समाज की एकता मे बाधक थे और उनको आपस मे संगठित करके एक प्राचार्य के नेतृत्व मे लाना आवश्यक है । अजमेर मे सब प्राचार्यों के ऊपर पूज्य श्री सोहन लाल जी महाराज को प्रधान आचार्य बनाया गया था। किन्तु मादड़ी मे पृथक पृथक आचार्यों के पदों को समाप्त करके स्वर्गीय प्रधानाचार्य पूज्य श्री सोहनलाल जी महाराज की एकता की भावना के प्रयत्न को सफल कर समस्त संघ का एक प्राचार्य बनाया गया। इस प्रकार पूज्य श्री सोहनलाल जी महाराज द्वारा बोए हुए एकता के बीज में उनके उत्तराधिकारी पूज्य श्री काशी राम जी महाराज ने अजमेर में व्यवस्था स्थापित करके बम्बई में एकता की ऐसी योजना बनाई, जिसको सादड़ी सम्मेलन में पूर्ण किया गया।

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