________________
प्रधानाचार्य ,
३५६ का भार लघु शतावधानी मुनि सौभाग्यचन्द जी महाराज को दिया गया। उनकी सहायता के लिये मुनि श्री मदनलाल जी महाराज तथा मुनि श्री विनयऋषि जी महाराज को नियत किया गया।
आरम्भ में शतावधानी मुनि रत्नचन्द जी महाराज ने मंगलाचरण किया। फिर सम्मेलन के कार्य को सुगम बनाने के लिये २१ मुनिवरों की एक विषय निर्वाचिनी समिति बनाई गई। इसका कोरम ११ का रक्खा गया। विषय समिति की बैठक रात्रि को की जाती थी । सम्मेलन में निम्न लिखित निश्चय किये गए।
१--भिन्न भिन्न सम्प्रदायों की समान समाचारी का प्रवर्तन एक सूत्र में प्रथित करने तथा सम्मेलन के प्रस्तावों को कार्यरूप मे परिणत करने के लिये विभिन्न सम्प्रदायों के प्रतिनिधि २७ मुनियों की एक समिति बनाई गई। इसमें पूज्य आचार्य श्री सोहनलाल जी महाराज के निम्न लिखित चार प्रतिनिधि रक्खे गये--
१ युवाचार्य श्री काशीराम जी महाराज, २ गणी उदयचन्द जी महाराज, ३ उपाध्याय आत्माराम जी महाराज तथा ४ मुनि श्री मदनलाल जी महाराज ।
इस मुनि समिति के प्रांत वार निम्नलिखित पांच मंत्री चुने गएकाठियावाड़ के मंत्री--शतावधानी मुनि रत्नचन्द जी महाराज, पञ्जाब के मंत्री-उपाध्याय आत्माराम जी महाराज, मारवाड़ के मंत्री-मुनि श्री छगनलाल जी महाराज,