Book Title: Sohanlalji Pradhanacharya
Author(s): Chandrashekhar Shastri
Publisher: Sohanlal Jain Granthmala

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Page 456
________________ ४१६ प्रधानाचार्य श्री सोहनलाल जी ' प्रस्ताव सख्या ८ के अनुसार यह निश्चय किया गया कि "शासन को सुविधापूर्वक गति देने तथा सुव्यवस्था स्थापित करने के लिए एक आचार्य के नीचे एक 'व्यवस्थापक मंत्री मंडल' बनाया जावे।" प्रस्ताव संख्या के अनुसार व्यवस्थापक मन्त्री मण्डल के सदस्यों को संख्या १६ निश्चित की गई। । प्रस्ताव संख्या १० के अनुसार व्यवस्थापक मंत्री मडल का कार्यकाल तीन वर्ष निश्चित किया गया। • वैशाख शुक्ल नवमी सवत् २००६ तदनुसार ३ मई १६५२ को प्रस्ताव संख्या १८ के अनुसार 'जैन श्रमण संघ के आचार्य श्री जैन धर्ष दिवाकर साहित्यरत्न पूज्य श्री आत्माराम जी महाराज' नियत किए गए। इसके अतिरिक्त पूज्य श्री गणेशीलाल जी महाराज को उपाचार्य नियत किया गया। क्योंकि आचार्य आत्माराम जी महाराज के अत्यन्त वृद्ध होने कारण संघ का कार्य चलाने के लिए किसी को उपाचार्य नियत करना आवश्यक था। इसी दिन प्रस्ताव सख्या १६ के अनुसार व्यवस्थापक मत्री मंडल के सदस्यों का निम्न लिखित निर्वाचन किया गया--- १ प्रधानमंत्री-पंडित श्री आनन्द ऋषि जी महाराज, . २ सहायक मत्री-पंडित श्री हस्तीमल जी महाराज, ३ सहायक मंत्री- पंडित प्यारचन्द जी महाराज । ४ चातुर्मास मंत्री-पंडित श्री पन्नालाल जी महाराज । ५ विहार मंत्री-मरुधर केसरी मिश्रीमल जी महाराज। ६ विहार सेवा तथा चातुर्मास मन्त्री-पण्डित श्री शुक्लचन्द जी महाराज ।

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