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प्रधानाचार्य उसने अपनी जेनरल कमेटी की बैठक २० सितम्बर से २३ सितम्बर १६३३ तक करके निम्नलिखित ग्यारह सदस्यों की एक कमेटी इस विषय पर विचार करने के लिये बनाई
१ राय साहिब टेकचन्द जी जंडियाला गुरु २ मौभाग्यमल जी मेहता जावरा ३ दीवान बहादुर विशनदास जी ४ चंदनमल जी कोचर जोधपुर ५ चन्दनमलजी भूथा-सतारा ६ जेठमल जी सेठिया बीकानेर ७ चन्दूलाल छगनलाल शाह अहमदाबाद ८ धूलचन्द जी सुराणा पीपाड़ ६ धूलचन्द जी भण्डारी रतलाम १० लाला हरजसराय जी अमृतसर ११ लाली मुशीरामजी भावड़ा जीरा (पंजाब)
उमरशी भाई कच्छ देशलॅपुर वाले तथा जामनगर वाले श्री वीर जी भाई को भी ज्योतिष शास्त्र का विशेषक्ष होने के नाते इस तिथि निर्णायक उपसमिति की बैठक में उपस्थित होने का निमन्त्रण भेजा गया।
इस उपसमिति की बैठक १० तथा ११ नवम्बर १६३३ को जयपुर में की गई, जिसमें कुल ७ सदस्य आए। ---इस बैठक में निश्चय किया गया कि इस सम्बन्ध मे ज्योतिष विषय के ज्ञानी मुनिराजों तथा गृहस्थ ज्योतिषियों का मत प्राप्त करके निर्णय किया जावे। किन्तु तब से आज तक इस विषय में कोई भी उल्लेखनीय प्रगति नहीं बन सकी है।