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प्रधानाचार्य श्री सोहनलाल जी मुनि प्रथम वार होशियारपुर सम्मेलन में ही एकत्रित हुए। संघ मे सभी निर्णय सर्वसम्मति से किये गए ।
इस सम्मेलन में अनेक प्रस्ताव पास किये गए, जिनमें से कुछ मुख्य मुख्य प्रस्ताव यह थे___ प्रस्ताव १. श्री सुधर्मागच्छाचार्य श्री मुनि पूज्य सोहन लाल जी महाराज संघ के परम हितैषी तथा दीर्घदी है। आपको अत्यन्त कृपा और विचार शक्ति द्वारा श्रीमती महासभा जागृत हुई है । आपश्री की कृपा से अखिल भारतीय जैन कांफ्रेस ने उत्साहित होकर वृहत् मुनि सम्मेलन की नींव डाली
और सब प्रान्तों से जागृति की, जिसका विवरण जैन प्रकाश पत्र में देख सकते है। पंजाब संघ जो कुछ समय से विखरा हुआ था, आपश्री की कृपा से ही प्रेम सूत्र में बँध गया। जो परस्पर तर्क वितर्क में कटिवद्ध था आज सहानुभूति तथा जैन धर्म के प्रचारकार्य ने लगा हुआ दिखलाई दे रहा है। आपश्री की कृपा से काठियावाड़, मारवाड़ और गुजरात कच्छ, दक्षिण प्रान्त मे जो कई गच्छ परस्पर विखरे हुए थे वह भी प्रेम सूत्र मे संगठित हो गए है। उक्त महाचार्य के गुणों का अनुभव करते हुए उनको हार्दिक धन्यवाद दिया जाता है।
पंडित मुनि राम स्वरूप जी द्वारा उपस्थित किये हुए इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास किया गया।
प्रस्ताव २ अखिल भारतीय कान्फ्रेंस की ओर से प्रकाशित पक्षी पत्र की प्रतिरूप पक्षी पत्र प्रकाशित किया जाना चाहिये।
प्रस्तावक -उपाध्याय आत्माराम जी महाराज अनुमोदक-श्रीमती ग्रवर्तिनी आर्या पार्वती जी महाराज -