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मुसलमान को सम्यक्त्व धारण कराना कम्मणा वंभणो होइ, कम्मुणा होइ खत्तिो । वइसो कम्मुणा होइ, सुद्दो हवइ कम्मुणा ॥
उत्तराध्ययन, अध्ययन २५, गाथा ३३ ॥ मनुष्य कर्म से ही ब्राह्मण होता है, कर्म से ही क्षत्रिय होता है; कर्म से ही वैश्य होता है और अपने किये हुए कर्मों से ही शूद्र होता है।
___यह पीछे लिखा जा चुका है कि युवाचार्य श्री सोहनलाल जी ने अपना १९४७ का चातुर्मास मालेर कोटला में किया था। कारण कि आत्माराम जी संबेगी का चातुर्मास भी मालेर कोटला में ही किया जाना निश्चित हो गया था। किन्तु अत्यंत यत्न करने पर भी संवेगियों की ओर से शास्त्रार्थ के लिये सामने कोई भी नहीं आया।
आत्माराम जी के इस मालेर कोटला चातुर्मास के कारण जैन धर्म के सम्बन्ध में वहां एक उल्लेखनीय घटना हो गई। ___ इस्लाम ने अपने जन्मकाल से ही अपने को एक प्रचारक धर्म माना है। वह अपने धर्म का अनेक प्रकार से प्रचार कर