________________
* श्री लंबेचू समाजका इतिहास द्वीप है। पर संस्कृतमें मन्दिर और चार प्रकार देवोंके आह्वानन ध्वजाओंकी विशेषता है। उसमें जो दो मन्त्र इन्द्र इन्द्राणी बनाकर जिन स्त्री-पुरुषोंको प्रतिष्ठित करते हैं। उन मन्त्रोंमें अन्तर्हित अर्थ पुत्र सन्तान उत्पन्न होने की सत्कामना सुचित होती है। इसलिये पुत्रकामेष्ट यज्ञ भी कहैं तो अत्युक्ति न होगीऔर जल तो अवश्य वर्षताही है। उस क्रियाको जाननेवाला चाहिये पानी वर्षता है लोगोंमें मध्य प्रदेशमें आम तौर पर रूढ़ि हो रही है। उन विश्वभूषणजीके गुरु श्रीजगद्भूषणजीने बनारसमें भदेनी घाटके श्री जिन मन्दिर श्री काशी नरेशकी अध्यक्षता में ब्राह्मण विद्वानोंको परास्त कर बनवाया अर्थात् ब्राह्मण लोग मन्दिर नहीं बनने देते थे। तब इनके शिष्यको राजा की सभामें ब्राह्मण एक विद्वानने ऐसा समझ लिये कुछ जानते नहीं मूर्ख हैं सो मस्करी करी बताओ आज कौन तिथि है। तब वे शिष्य मारवाडूकी तस्फुके थे उन्होंने कहा कि आज पूर्णिमा है। मारबाड़में अमावसको भी वदी पूर्णिमा कहते हैं। सो वदी तो बोला नहीं पूर्णिमा कह दिया उसने फिर हँसी की तो आज पूर्णिमा है । चन्द्रमा