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अर्थः-निश्चित अन्यथा अनुपपत्ति जिसका एक लक्षग है वह हेतु है । तीन लक्षणोंवाला अथवा इससे अधिक लक्षणोंवाला हेतु नहीं होता।
विवेचना:-अन्यथा का अर्थ है-साध्य के बिना । अनुपपत्ति का अर्थ है-उपपत्ति का अभाव । मायके बिना उपपत्ति का अभाव हेतु का लक्षण है । यदि वहिनरूप साध्य न हो तो धूप हेतु नहीं हो सकता। यह अन्यथा अनुपपत्ति अकेली ही हेतु का लक्षण है।
मलम्-तथाहि-विलक्षण एव हेतुरिति पौडाः। पक्षधमत्वाभावेऽसिद्धत्वव्यवच्छेदस्य, सपक्ष एव सत्वाभावे च विम्हत्वव्युदासम्य, विपक्षेऽसत्व नियमाभावे चानकान्तिकत्वनिषेधस्यासम्भवेनानुमित्यप्रतिरोधानुगपत रितिः ____ अर्थः-बौद्धमत के अनुसार हेतु तीन लक्षणोंवाला होता है । पक्षधर्मत्व के अभाव में हेतु की असिद्धता की निवृत्ति नहीं हो सकती । सपक्ष में ही सत्ता न हो तो विरुद्धता की निवृत्ति नहीं हो सकती । विपक्ष में असत्व का नियम न हो तो अनैकांतिकता का निषेध नहीं हो सकता । इस रीति से तीन लक्षणों के बिना हेतु द्वारा अनुमिति की उत्पत्ति नहीं हो सकती ।
विवेचना:-बौद्ध कहते हैं-पक्षसत्व, सपक्ष में सत्त्व, विपक्ष में असत्त्व, ये तीन धर्म जिस में होते हैं वह. हेतु है।