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घटशब्दवाच्यं घटशब्दप्रवृत्तिनिमित्तभूत क्रियाशून्यत्वात् टप
वदिति ।
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अर्थः - क्रियासे रहित वस्तु शब्द के द्वारा वाच्य नहीं है, इस प्रकार कहनेवाला एवंभूताभास होता है । जैसे विशिष्ट चेष्टा से शून्य घट नामक वस्तु घट शब्द का वाच्य नहीं है, घट शब्द की प्रवृत्तिनिमित्तक्रियासे शून्य होने के कारण, पट अर्थ के
समान ।
विवेचनाः - क्रिया का आश्रय लेकर शब्द अर्थों के वाचक होते हैं। जो पाक करता है उसको पाचक कहते हैं । लोहार पाक नहीं करता इसलिये पाचक शब्द का वाच्य अर्थ लुहार नहीं है । इस वस्तु का अत्यंत आश्रय लेकर जब कहा जाता हो, किसी को पाचक तभी कहना चाहिये जब वह पका रहा हो । नब कहीं जा रहा हो अथवा बैठा हो वा सो रहा हो तब उसके लिये पाचक शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस प्रकार का अभिप्राय एवंभूताभास है । शब्दों की प्रवृत्ति में निमित्त सदा क्रिया नहीं होती । जाति आदि शब्दों के प्रवृत्ति निमित्त होते हैं । जल लाना आदि क्रिया के कारण घटको घट शब्द से कहा जाता है । परन्तु घट शब्द की प्रवृत्ति में निमित्त घटत्व जाति है । जब घट एक स्थान पर स्थिर हो उसके द्वारा पानी न लाया जा रहा हो तब भी उसमें घटत्व जाति रहती है इसलिये उसको घट शब्द से कहा जा सकता है । जहाँ पर क्रिया के कारण शब्द की प्रवृत्ति होती है वहां पर भी क्रिया का सदा होना आवश्यक नहीं होता । यदि उचित समय पर पाक करता है तो चलते वा सोते को भी पाचक कहा जा सकता है । पाचक होने के लिये क्रिया को एकान्तरूपसे कारण माननेवाला अभिप्राय एवंभूत नयाभास हो जाता है ।
मूलम्: - अर्थाभिधायी शब्द प्रतिक्षेपी अर्थनयाभासः ।