Book Title: Jain Tark Bhasha
Author(s): Ishwarchandra Sharma, Ratnabhushanvijay, Hembhushanvijay
Publisher: Girish H Bhansali

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Page 596
________________ मन: कामना अध्यापन के काल में मुनो श्री रत्नभूषण विजयजी और मुनी श्री हेमभूषण विजयजी से प्रेरित होकरमहा महोपाध्याय श्री यशो विजयजी गणिवरकृत __-जैन तर्क भाषा की हिन्दी भाषा में विवेचन, सहित जिस टोका का आरंभ मौदल्य ईश्वर चन्द्र शर्मा ने किया था-वह समाप्त हुई। ____ "इस टीका के द्वारा तर्क प्रेमियों को जैन तर्क के तात्विक स्वरुप को समझने में सहायता मिले यह टीकाकार की कामना है" -इति सविवेचना जैन तर्क भाषा

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